इज्जत महज बहनों को नहीं, सब लड़कियों को दें
रक्षा बंधन पर अकसर चुटकुलों से भरे मोबाइल इनबॉक्स, अखबारों में विज्ञापन, अॉन लाइन पॉप अप्स, रेडियो पर चल रहे जिंग्लस भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना, भाईयों की लास्ट मिनट शॉपिंग, बहनों का भाई के लिए मिठाईयां चख कर देखना, त्यौहारों की शुरूआत राखी की मस्ती में बहनों के चेहरे पर भाई के प्यार का अलग ही गुमान देता है।
इस त्यौहार से कई मजेदार किस्से जुड़े है खासतौर पर उन लड़कों के लिए जिनकी बहनें नहीं है। जुमले बोले जाते हैं कि भाई अाज हम अपना व्हॉट्सएप बंद रखेंगे, फेसबुक पर नहीं जाएंगे किसी लड़की को गलती से बहन बना बैठे तो लेने के देने पड़ जाएंगे। अॉन लाइन पर पॉपूलर-है– ना पिता जी की मार से, ना मां की फटकार से, ना जूतों की बौछार से, तुम जैसे गधे सुधरेंगे, रक्षाबंधन के त्यौहार से।
अजीब सी बात है कि हम इंसान रिश्तों की पवित्रता तय करने के चक्कर में इसको सीमायों में बांध देते हैं। कभी ये सुनने को नहीं मिला कि एक अादमी की सफलता के पीछे उसकी बहन का हाथ था। या फिर एक लड़के का सबसे बड़ा डर कि उसे कोई लड़की ये न कह दे कि मैंने तुम्हे कभी उस नजर से देखा नहीं या तुम तो मेरे भाई जैसे हो। किसी को बहन मानना या बनाने की जरूरत प्यार से ज्यादा डर है, सामाजिक जरूरत है, बदनामी से बचने का शॉर्ट कट है।
मेरी नजर से देखे तो रक्षा बंधन किसी खूबसूरत लव स्टोरी से कम नहीं है। बहन भाई जो एक दूसरे को बिना किसी शर्त के प्यार करते हैं, कोई जलन, द्वेष भावना के एक दूसरे के लिए हर समय खड़े रहते है। सिर्फ एक दूसरे को खुश देखने की जरूरत इस रिश्ते को खूबसूरत बना देता है। भाई बहने के एेसे वाक्य जो शायद आप में से हर किसी ने बोले होंगे——-इतने बड़े हो गए हो अभी तक तुम्हें अकल नहीं आई। ये बात बहन भाई एक दूसरे को बिना दीन दुनियां की परवाह किए कह सकते हैं।
बाकी त्यौहारों की तरह इस त्यौहार में अापको अपनी बहन भाई के अलावा किसी और के गिफ्ट लेने की जरूरत नहीं है। न डिजाइनर सूट, न कप, प्लेट्स लेने की जरूरत है। इस त्यौहार में हम लड़कों की वो साइड देखते है जो शायद हम हमेशा देखना चाहते हैं। इस दिन खासतौर पर भाई बहनों को खास महसूस करवाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करते हैं। तो एेसी लव स्टोरी किसे पसंद नहीं होगी।
अरे प्यारे लड़़को मेरे ये कतई मतलब नहीं है कि सब को भाई बहन ही होना चाहिए। मुझे हीर रांझा, रोमियो जूलियट के प्यार पर भी उतना गर्व है जितना भाई बहन के। मेरा सिर्फ इतना कहना है कि अगर इस दिन बहनों को इज्जत देने के लिए भाई सबकुछ करते हैं, तो बाकी महिलाओं के सम्मान के लिए भी हर लड़के को कुछ न कुछ करना चाहिए। क्यों न हर लड़के की कलाई पर एक इंविसिवल राखी बांधे जो उन्हें लड़कियों की इच्छा का सम्मान, उनके हर भाव का सम्मान करने की कसम दे। अगर लड़की अाप से मोहब्बत करना चाहती है तो मुस्कुराएगी, सहमति देगी। लेकिन एेसा अगर एेसा न हो तो——- उसकी इच्छा का सम्मान करे, उसे लताड़े नहीं, झगडे नहीं, उसे रेप न करें, उस पर एसिड फेंक कर खुद को अपनी नजरों से न गिराएं। अगर वो अापकी नहीं हुई तो उसे पाने के लिए रेप न करें।
सोचें अाप धरती के पहले मर्द हैं तो एक गुजारिश है कि एक दूसरे को सम्मान देने की सीख इस दुनियां को दें। किसी लड़की के साथ सात फेरे लेते वक्त एक दूसरे को सम्मान देते रहने की कसम लें। और राखी के अलावा बाकी के 364 दिन भी सभी महिलाओं को सम्मान दें और सम्मान करने की सीख दें।
– अनुवाद तरुणी गांधी