वैज्ञानिकों ने एक बैक्टीरियम में खास किस्म के एंज़ाईम्स की पहचान की है जो इंसानी शरीर में दुर्गंध पैदा करते हैं।
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शरीर की बदबू, चमड़ी पर मौजूद एक बैक्टीरिया की वजह से उत्पन होती है जो पसीने में मौजूद प्राकृतिक मॉलीक्यूल्स को तोड़ते हैं। अब यूनिलीवर के साथ मिल कर काम कर रहे यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क के शोधकर्ताओं ने स्टेफायलोकोकस होमिनिस नाम के बैक्टीरियम में एक खास किस्म के एंज़ायम्स पर शोध किया है जो पसीने के मॉलीक्यूलस् को थायोएल्कोहॉल्स नाम के यौगिक पदार्थों में तोड़ता है। ये शोध कांख में या आर्मपिट में किया गया और पाया गया कि थायोएल्कोहॉल ही शारीरिक बदबू का स्रोत हैं। ये पदार्थ छोटी मात्रा में भी बेहद तेज़ बदबू देता है।
शोध के लिए शोधकर्ताओं ने अंडरआर्म स्किन के करीब 150 बैक्टीरियल सैंपल लिए थे।
शोधकर्ताओं ने उन जीन्स की भी पहचान की जिनमें थायोएल्कोहॉल्स बनाने वाले प्रोटीन होते हैं।
स्टेफायलोकोकस होमिनिस बैक्टीरियम में एक खास जीन पाई गई जो ज़ोरदार थायोएक्लकोहॉल्स बनाते हैं। ये सुनिश्चित करने के लिए कि यही जीन्स बदबू पैदा करती हैं, शोधकर्ताओं ने इन्हें बैक्टीरियम एशरीशिया कोलाय के साथ लैब में रखा और उसके बाद जब उसके इंसान के पसीने मॉलीक्यूल्स के साथ विकसित किया गया तो वही शरीर की दुर्गंध पैदा हुई।